आइडिया ऑफ इंडिया को समझकर बन सकते हैं बेहतर संचारक : प्रफुल्ल केतकर


भारत जनसंचार संस्थान के शैक्षणिक सत्र 2020-21 का उद्घाटन सोमवार को केन्द्रिय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने किया। संस्थान नये सत्र के शुरूआत में पाँच दिनों का सत्रारंभ कार्यक्रम कर रहा। कार्यक्रम के दूसरे दिन "भारतीय मीडिया में संपादकीय आजादी" विषय पर छात्रों से संवाद करते हुए ऑर्गेनाइजर पत्रिका के संपादक वरिष्ठ पत्रकार प्रफुल्ल केतकर ने कहा कि कोरोना महामारी के इस भयावह दौर में एक पत्रकार के रूप में हमने विश्वसनीय काम किया। अगर आप पत्रकार हैं तो आपके पास सिर्फ़ अधिकार नहीं जिम्मेदारियां भी हैं।
संपादकीय आजादी पर बात रखते हुए उन्होंने कहा कि हमारा पत्रिका लगातार मीडिया के प्रश्नों को लेकर संघर्ष करता रहा है। उन्होंने आजादी से पहले का एक उदाहरण देते हुए कहा कि पहला सेंसरशिप अगर किसी ने झेला था तो वह ऑर्गेनाइजर पत्रिका है।
उन्होंने कहा कि किसी भी मीडिया समूह की संपादकीय आजादी दो चीजों पर निर्भर करती है पहला सरकार की नीतियां और दूसरा संस्थान की संपादकीय पॉलिसी। हर मीडिया संस्थान की अपनी एक विचारधारा होती है पर उसे संविधान के दायरे में रहकर ही काम करना होता है।
केतकर ने कहा कि हम एक बदलाव के दौर से गुजर रहे हैं ये दौर सूचनाओं के विस्फोट का है। सोशल मीडिया जिसका इस्तमाल हम करते हैं वो आवेश से भरा हुआ है। आज हमारे सामने विश्वसनीयता का संकट है क्योंकि हम दो पक्षों में बंटकर सीमित होते जा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि हमें सभी के सत्यों को स्वीकार करना चाहिए हमें एकम सत विप्रा बहुधा वदन्ति (सत्य एक है: जिसे बुद्धिमान विभिन्न नामों से बुलाते हैं) के मंत्र को अपने अंदर लाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अगर हम एक बेहतर पत्रकार बनना चाहते हैं तो हमें आइडिया ऑफ इंडिया को समझना होगा। हमें डाटा आधारित पत्रकारिता पर जोड़ देना चाहिए।
आपको बता दें कि कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ पत्रकार उमेश उपाध्याय, हिन्दुस्तान टाइम्स के संपादक सुकुमार रंगनाथन मौजूद रहें। कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर सुरभि दहिया ने किया।

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